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पुरुष स्टैमिना बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय

डॉ. किरण त्रिपाठी
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पुरुष स्टैमिना बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय

पुरुष स्टैमिना बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय

आयुर्वेद में पुरुषों की यौन क्षमता और स्टैमिना को 'वाजीकरण' के नाम से जाना जाता है। वाजीकरण चिकित्सा आयुर्वेद की आठ प्रमुख शाखाओं में से एक है, जो विशेष रूप से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर केंद्रित है। आधुनिक जीवनशैली, तनाव, प्रदूषण और खराब आहार से कई पुरुषों में यौन स्टैमिना की कमी देखी जाती है। इस लेख में हम पुरुषों की स्टैमिना को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपायों पर चर्चा करेंगे।

आयुर्वेद में 'वाज' की अवधारणा

आयुर्वेद में 'वाज' का अर्थ है शक्ति या ऊर्जा। वाजीकरण उन औषधियों और उपचारों को कहा जाता है जो शरीर और विशेष रूप से यौन अंगों में ऊर्जा बढ़ाते हैं। वाजीकरण के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  1. वीर्य (शुक्राणु) की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार

  1. यौन क्षमता और स्टैमिना बढ़ाना
  1. मानसिक तनाव और चिंता को कम करना
  1. प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार

स्टैमिना को प्रभावित करने वाले कारक

आयुर्वेद के अनुसार, निम्न कारण पुरुषों की यौन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं:

  1. दोष असंतुलन - विशेषकर वात दोष का अधिक होना

  1. धातु क्षय - शरीर के सात धातुओं (ऊतकों) में कमजोरी, विशेष रूप से शुक्र धातु
  1. अग्नि की कमी - कमजोर पाचन अग्नि
  1. ओजस की कमी - शरीर की जीवन शक्ति में कमी
  1. मानसिक कारण - तनाव, चिंता, अवसाद
  1. आहार और जीवनशैली - अनियमित आहार, नशीली दवाओं का सेवन, रात में जागना

आयुर्वेदिक वाजीकरण औषधियां

1. अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा)

अश्वगंधा को भारतीय जिनसेंग भी कहा जाता है। यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है, तनाव कम करता है और शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि करता है।

सेवन विधि:

  • 3-5 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर रात को सोने से पहले लें।
  • अश्वगंधा का काढ़ा या टैबलेट भी ली जा सकती है।

2. शिलाजीत

हिमालय की चट्टानों से प्राप्त यह प्राकृतिक खनिज पदार्थ पुरुषों की यौन क्षमता और स्टैमिना को बढ़ाने में बेहद प्रभावी माना जाता है।

सेवन विधि:

  • 250-500 मिलीग्राम शिलाजीत को दूध या गर्म पानी के साथ दिन में दो बार लें।

3. सफेद मूसली (अस्पैरेगस एडसेन्डेंस)

इसे "भारतीय वियाग्रा" भी कहा जाता है। यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाता है, साथ ही यौन स्टैमिना में वृद्धि करता है।

सेवन विधि:

  • 3-6 ग्राम सफेद मूसली चूर्ण को दूध और शहद के साथ मिलाकर सेवन करें।

4. कौंच बीज (मुकुना प्रुरिंस)

यह प्राकृतिक एल-डोपा का स्रोत है और टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ावा देता है।

सेवन विधि:

  • 3-5 ग्राम कौंच बीज चूर्ण को दूध के साथ लें।

5. अखरोट और बादाम

ये ड्राई फ्रूट्स अमीनो एसिड, जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो यौन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।

सेवन विधि:

  • रोजाना 4-5 अखरोट और 10 बादाम खाएं।
  • बादाम को रात भर भिगोकर, सुबह छिलके निकालकर खाएं।

वाजीकरण आहार

आयुर्वेद के अनुसार, निम्न खाद्य पदार्थ यौन स्टैमिना बढ़ाने में सहायक हैं:

1. पौष्टिक और स्निग्ध आहार

  • घी, दूध, दही
  • बादाम, अखरोट, पिस्ता, मखाना
  • चावल, गेहूं, उड़द दाल

2. मीठे और जुलाब वाले खाद्य

  • शहद, गुड़, किशमिश
  • खजूर, अंजीर, केला, आम

3. मसाले और जड़ी बूटियां

  • दालचीनी, इलायची, लौंग
  • अदरक, लहसुन, प्याज
  • काली मिर्च, जीरा

4. परहेज करने योग्य खाद्य

  • अत्यधिक तेल और मसालेदार खाना
  • प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड
  • शराब और तंबाकू
  • रूखा और ठंडा आहार

वाजीकरण जीवनशैली सुझाव

1. नियमित व्यायाम

  • मध्यम तीव्रता वाले व्यायाम, विशेषकर कोर और पेल्विक मांसपेशियों के लिए
  • सूर्य नमस्कार, मुद्रासन, धनुरासन जैसे योगासन
  • त्रिकोणासन, सीढ़ी चढ़ना, स्क्वाट्स

2. योग और प्राणायाम

  • अनुलोम-विलोम
  • कपालभाति
  • भ्रामरी
  • उज्जायी

3. अभ्यंग (तेल मालिश)

  • तिल के तेल या नारियल के तेल से शरीर की मालिश
  • विशेष रूप से पैरों और जांघों की मालिश

4. मानसिक स्वास्थ्य

  • ध्यान और योग
  • तनाव प्रबंधन तकनीक
  • पर्याप्त नींद (7-8 घंटे)

घरेलू वाजीकरण नुस्खे

1. केसर दूध

  • एक गिलास गर्म दूध में 4-5 केसर के रेशे, 2 चम्मच शहद और थोड़ा सा बादाम पाउडर मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं।

2. अश्वगंधा और शिलाजीत मिश्रण

  • 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण, 1/4 चम्मच शिलाजीत, 1 चम्मच शहद को गर्म दूध के साथ मिलाकर सेवन करें।

3. त्रिफला और शतावरी

  • त्रिफला चूर्ण और शतावरी चूर्ण का मिश्रण (1:1 अनुपात में) 1 चम्मच की मात्रा में गर्म पानी के साथ रात को सोने से पहले लें।

4. आंवला और शहद

  • आंवला चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करें।

सावधानियां और सुझाव

  1. किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से पहले योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें।

  1. यदि आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं या कोई दवा ले रहे हैं, तो वाजीकरण औषधियों का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  1. आयुर्वेदिक औषधियों का नियमित और निरंतर सेवन करें; तत्काल परिणामों की उम्मीद न करें।
  1. स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार का पालन करें।
  1. मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें, क्योंकि तनाव और चिंता यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

निष्कर्ष

आयुर्वेद में यौन स्वास्थ्य को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग माना गया है। वाजीकरण औषधियां, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली पुरुषों की यौन क्षमता और स्टैमिना को प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकती हैं। आयुर्वेदिक उपचार दीर्घकालिक और स्थायी लाभ प्रदान करते हैं, साथ ही शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालते।

स्वस्थ यौन जीवन के लिए समग्र स्वास्थ्य की देखभाल और दोषों का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। आयुर्वेद वाजीकरण का उद्देश्य केवल यौन स्टैमिना बढ़ाना ही नहीं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना भी है।